Friday, February 7, 2014

हा हा हा मजेदार व्यंग...

हा हा हा मजेदार व्यंग

मेरी प्यारी बेगम।

सवाल कुछ भी हो।

जवाब तुम ही हो।

रास्ता कोई भी हो।

मंजिल तुम ही हो।

दुःख कितना ही हो।

ख़ुशी तुम ही हो।

अरमान कितना ही हो।

आरजू तुम ही हो।

गुस्सा जितना भी हो।

प्यार तुम ही हो।

ख्वाब कोई भी हो।

ताबीर तुम ही हो।

"यानी ऐसा समझो कि सारे फसाद की जड़ तुम हो और सिर्फ तुम ही हो

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