Friday, October 9, 2015

Rahul Gandhi funny speech All in one

Sunday, September 21, 2014

डॉ. साहब, जल्दी कुछ करो

मरीज:- डॉ. साहब, जल्दी कुछ करो,
मेरे पैरों पर एक औरत ने गाड़ी चढा दी.
डॉ ने अच्छे से चेक किया और पाया कि मामूली चोट है
पर मरीज घबराया हुआ है। . डॉ.:- ओ हो, भाई
अॉपरेशन करना पडेगा,,, बहुत खर्चा आयेगा... तैयार हो?
मरीज:- कुछ
भी करो जल्दी करो।
कमीनी ने मरा सोच कर
उठाया भी नही ! इतने में
ही डॉ की बीवी का फोन
आया.. डॉ:- हेलो .. बीवी:- हैलो छोड़ो,
ये बताओ मैं क्या करूं? मुझसे कार चलाते में एक
आदमी मर गया! जै हिंद चौक पर। डॉ:-
आदमी ने कपड़े कैसे पहन रखे थे ?
पत्नी:- हरी टी शर्ट और
काली पैंट !! डॉ:- ओ हो, तो उसे तुमने मारा है!!
पुलिस खूनी को तलाश करती हुई घूंम
रही है.. . पत्नी:- तो अब क्या करूं ?
डॉ:- करना क्या है, 4-6 महीने के लिए मायके भाग
जा जल्दी.. पत्नी:- ठीक
है जा रही हूँ ! मरीज:- डॉ साहब
करो ना कुछ। डॉ:- भाई कोई
गोली नही लग गई तेरे को! ये ले रूपये
और चार बियर ले आ, दोनो पियेंगे....
और हां,
हरी टी शर्ट निकाल के जा.

Saturday, September 20, 2014

दांतों की तरह कठोर मत होना - जीभ की तरह

एक सन्त बहुत बूढ़े
हो गए।
मरने का समय निकट आया तो उनके
सभी शिष्य
उपदेश सुनने और अन्तिम प्रणाम करने एकत्रित
हुए।
उपदेश न देकर उनने अपना मुँह खोला और
शिष्यों से पूछ-
देखो इसमें दाँत है क्या? शिष्यों ने उत्तर
दिया- एक
भी नहीं।
दूसरी बार उनने फिर मुँह खोला और पूछा -
देखो इसमें जीभ है क्या? सभी शिष्यों ने
एक स्वर में उत्तर दिया हाँ- है - है।
सन्त ने फिर पूछा - अच्छा एक बात बताओ।
जीभ
जन्म से थी और मृत्यु तक रहेगी और
दाँत पीछे उपजे और पहले चले गए।
इसका क्या कारण है?
इस प्रश्न का उत्तर किसी से भी न बन
पड़ा।
सन्त ने कहा जीभ कोमल होती है
इसलिए टिकी रही। दाँत कठोर थे इसलिए
उखड़ गए।
मेरा एक ही उपदेश है- दांतों की तरह
कठोर मत होना - जीभ की तरह
मुलायम रहना। यह कह कर उनने अपनी आंखें
मूँद ली।

Friday, September 19, 2014

आप पप्पू हो ना

एक पहाड़ी पर ग्रामीण जानवर चरा रहा था। तभी वहां एक हेलीकाप्टर उतरा । उसमे से आदमी उतरा। उसने ग्रामीण से कहा ,अगर मैं बिना गिने गायों की संख्या बता दूँ तो तुम मुझे एक बछड़ा दे दो गे। ग्रामीण बोला - दे दूंगा आदमी ने मोबाइल से गूगल मैप से वहां की पोजीशन लिया । उसे इसरो को भेज कर कहा कि इस पहाड़ी पर कितने जीवित प्राणी है? जवाब आया 35 प्राणी । आदमी ने 2 कम करके कहा कि तुम्हारे पास 33 गाय हैं। अब एक बछड़ा दो। आदमी जब हेलीकाप्टर में बछड़ा ले जाने लगा तो ग्रामीण बोला, अगर मैं आपका नाम बता दूँ तो क्या आप मेरा जानवर मुझे वापिस दे देंगे ? बोला बताओ । ग्रामीण - आप पप्पू हो ना
पप्पू - तुमने कैसे पहचाना ग्रामीण - बहुत आसान है , पहली बात आप बिन बुलाये आए हो। दूसरी , जिन्हे आप गायें बता रहे हो वह भेड़ हैं और जिसे आप ले जा रहे हो, वह बछड़ा नहीं कुत्ता है ।

Thursday, September 18, 2014

प्रभु आप मुझे नया जन्म मत दीजिये

जन्म से ठीक पहले एक बालक भगवान से कहता है,” प्रभु आप मुझे नया जन्म मत दीजिये , मुझे पता है पृथ्वी पर बहुत बुरे लोग रहते है…. मैं वहाँ नहीं जाना चाहता …” और ऐसा कह कर वह उदास होकर बैठ जाता है ।
भगवान् स्नेह पूर्वक उसके सर पर हाथ फेरते हैं और सृष्टि के नियमानुसार उसे जन्म लेने की महत्ता समझाते हैं , बालक कुछ देर हठ करता है पर भगवान् के बहुत मनाने पर वह नया जन्म लेने को तैयार हो जाता है। ” ठीक है प्रभु, अगर आपकी यही इच्छा है कि मैं मृत लोक में जाऊं तो वही सही , पर जाने से पहले आपको मुझे एक वचन देना होगा। ” , बालक भगवान् से कहता है। भगवान् : बोलो पुत्र तुम क्या चाहते हो ? बालक : आप वचन दीजिये कि जब तक मैं पृथ्वी पर हूँ तब तक हर एक क्षण आप भी मेरे साथ होंगे। भगवान् : अवश्य, ऐसा ही होगा। बालक : पर पृथ्वी पर तो आप अदृश्य हो जाते हैं , भला मैं कैसे जानूंगा कि आप मेरे साथ हैं कि नहीं ? भगवान् : जब भी तुम आँखें बंद करोगे तो तुम्हे दो जोड़ी पैरों के चिन्ह दिखाइये देंगे , उन्हें देखकर समझ जाना कि मैं तुम्हारे साथ हूँ। फिर कुछ ही क्षणो में बालक का जन्म हो जाता है। जन्म के बाद वह संसारिक बातों में पड़कर भगवान् से हुए वार्तालाप को भूल जाता है| पर मरते समय उसे इस बात की याद आती है तो वह भगवान के वचन की पुष्टि करना चाहता है। वह आखें बंद कर अपना जीवन याद करने लगता है। वह देखता है कि उसे जन्म के समय से ही दो जोड़ी पैरों के निशान दिख रहे हैं| परंतु जिस समय वह अपने सबसे बुरे वक़्त से गुजर रहा था उस समय केवल एक जोड़ी पैरों के निशान ही दिखाइये दे रहे थे , यह देख वह बहुत दुखी हो जाता है कि भगवान ने अपना वचन नही निभाया और उसे तब अकेला छोड़ दिया जब उनकी सबसे अधिक ज़रुरत थी। मरने के बाद वह भगवान् के समक्ष पहुंचा और रूठते हुए बोला , ” प्रभु ! आपने तो कहा था कि आप हर समय मेरे साथ रहेंगे , पर मुसीबत के समय मुझे दो की जगह एक जोड़ी ही पैर दिखाई दिए, बताइये आपने उस समय मेरा साथ क्यों छोड़ दिया ?” भगवान् मुस्कुराये और बोले , ” पुत्र ! जब तुम घोर विपत्ति से गुजर रहे थे तब मेरा ह्रदय द्रवित हो उठा और मैंने तुम्हे अपनी गोद में उठा लिया , इसलिए उस समय तुम्हे सिर्फ मेरे पैरों के चिन्ह दिखायी पड़ रहे थे। “ दोस्तों, बहुत बार हमारे जीवन में बुरा वक़्त आता है , कई बार लगता है कि हमारे साथ बहुत बुरा होने वाला है , पर जब बाद में हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो पाते हैं कि हमने जितना सोचा था उतना बुरा नह ीं हुआ ,क्योंकि शायद यही वो समय होता है जब ईश्वर हम पर सबसे ज्यादा कृपा करता है। अनजाने में हम सोचते हैं को वो हमारा साथ नहीं दे रहा पर हकीकत में वो हमें अपनी गोद में उठाये होता है

काश वो दिन फिर से लौट आते

याद आते है वो स्कूल के दिन,
ना जाते थे स्कूल दोस्तों के बिन
कैसी थी वो दोस्ती कैसा था वो प्यार
एक दिन की जुदाई से डरते थे जब आता था शनिवार
चलते चलते पत्थरों पर मारते थे ठोकर
कभी हंसकर चलते थे तो कभी चलते थे नाराज होकर
कंधे पर बैग लिए हाथों में बोतल पानी
किसे पता था बचपन की दोस्ती को बिछुडा देगी जवानी
याद आते है वो रंगो से भरे हाथ
क्या दिन थे जब करते थे लंच साथ
छुट्टी की घंटी सुनते ही भागकर बाहर आना
फिर हसंते हंसते दोस्तों से मिल जाना
काश
वो दोस्त आज मिल जाते दिल में बचपन के फूल फिर से खिल जाते
काश वो दिन फिर से लौट आते
काश वो दिन फिर से लौट आते

तेरे में और मुझ में यही फर्क है ...

बहुत साल बाद दो दोस्त रास्ते में मिले . धनवान दोस्त ने उसकी आलिशान गाड़ी पार्क की और गरीब मित्र से बोला चल इस गार्डन में बेठकर बात करते है . चलते चलते अमीर दोस्त ने गरीब दोस्त से कहा तेरे में और मेरे में बहुत फर्क है . हम दोनों साथ में पढ़े साथ में बड़े हुए मै कहा पहुच गया और तू कहा रह गया ? चलते चलते गरीब दोस्त अचानक रुक गया . अमीर दोस्त ने पूछा क्या हुआ ? गरीब दोस्त ने कहा तुझे कुछ आवाज सुनाई दी? अमीर दोस्त पीछे मुड़ा और पांच का सिक्का उठाकर बोला ये तो मेरी जेब से गिरा पांच के सिक्के की आवाज़ थी। गरीब दोस्त एक कांटे के छोटे से पोधे की तरफ गया जिसमे एक तितली पंख फडफडा रही थी . गरीब दोस्त ने उस तितली को धीरे से बाहर निकला और आकाश में आज़ाद कर दिया . अमीर दोस्त ने आतुरता से पुछा तुझे तितली की आवाज़ केसे सुनाई दी? गरीब दोस्त ने नम्रता से कहा " तेरे में और मुझ में यही फर्क है तुझे "धन" की सुनाई दी और मुझे "मन" की आवाज़ सुनाई दी . "यही सच है " इतनी ऊँचाई न देना प्रभु कि, धरती पराई लगने लगे l इनती खुशियाँ भी न देना कि, दुःख पर किसी के हंसी आने लगे । नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका, निर्बल पर प्रयोग करूँ l नहीं चाहिए ऐसा भाव कि, किसी को देख जल-जल मरूँ ऐसा ज्ञान मुझे न देना, अभिमान जिसका होने लगे I ऐसी चतुराई भी न देना जो, लोगों को छलने लगे । खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की। आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है। अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे। क्यों की जीसकी जीतनी जरुरत थी उसने उतना ही पहचाना मुझे। ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा भी कितना अजीब है, शामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले जा रहे हैं....! एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी, k जीत जाओ तो कई I अपने पीछे छूट जाते हैं, और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं

बहू, ज़रा सी भी अक्ल नहीं तुझमें

एक औरत अपनी सास से बहुत तंग थी। उसकी सास हर काम में कुछ ना कुछ नुक्स निकालती थी।
अगर वो अंडा बॉईल करती थी तो सास कहती कि फ्राय करना था। अगर फ्राय करती तो कहती बॉईल करना था।
एक दिन सास को सबक सिखाने के लिए बहू ने दो अंडे लिए, एक को बॉईल किया और दूसरे को फ्राय कर दिया। मन में सोचा अब आएगा मज़ा।
सास थोड़ी देर दोनों अण्डों को देखती रही, फिर बोली, "बहू, ज़रा सी भी अक्ल नहीं तुझमें। जिस अंडे को बॉईल करना था उसे फ्राय कर दिया और जिसे फ्राय करना था उसे बॉईल कर दिया।"

जन धन में खाता खुलवाना है

कस्टमर : जन धन में
खाता खुलवाना है
बैंक मैनेजर : खुलवा लो
कस्टमर : क्या ये जीरो बैलेंस में
खुलता है
बैंक मैनेजर : (मन ही मन में
साला पता है फिर भी पूछ रहा है)
हाँ जी फ्री में खुलवा लो
कस्टमर : इसमें सरकार
कितना पैसा डालेगी?
बैंक मैनेजर : जी अभी तो कुछ
पता नहीं
कस्टमर : तो मैं ये
खाता क्यों खुलवाऊँ ?
बैंक मैनेजर : जी मत खुलवाओ
कस्टमर : फिर भी सरकार कुछ
तो देगी
बैंक मैनेजर : आपको फ्री में
एटीएम दे देंगे
कस्टमर : जब उसमे
पैसा ही नहीं होगा तो एटीएम
का क्या करूँगा?
बैंक मैनेजर : पैसे डलवाओ
भैया तुम्हारा खाता है
कस्टमर : मेरे पास पैसा होता तो मैं
पहले नहीं खुलवा लेता, तुम
खाता खोल रहे हो तो तुम डालो न
पैसे
बैंक मैनेजर : अरे भाई सरकार
खुलवा रही है
कस्टमर : तो ये सरकारी बैंक
नहीं है ?
बैंक मैनेजर : अरे भाई सरकार
तुम्हारा बीमा फ्री में कर रही है ,
पुरे एक लाख का
कस्टमर : (खुश होते हुए)
अच्छा तो ये एक लाख मुझे कब
मिलेंगे?
बैंक मैनेजर : (गुस्से में) जब तुम मर
जाओगे तब
तुम्हारी बीबी को मिलेंगे
कस्टमर : (अचम्भे से) तो तुम लोग
मुझे मारना चाहते हो? और
मेरी बीबी से तुम्हारा क्या मतलब
है?
बैंक मैनेजर : अरे भाई ये हम
नहीं सरकार चाहती है
कस्टमर : (बीच में बात काटते हुए)
तुम्हारा मतलब सरकार मुझे
मारना चाहती है?
बैंक मैनेजर : अरे यार मुझे
नहीं पता, तुमको खाता खुलवाना है
या नहीं?
कस्टमर :
नहीं पता का क्या मतलब? मुझे
पूरी बात बताओ
बैंक मैनेजर : अरे अभी तो मुझे
भी पूरी बात नहीं पता, मोदी ने
कहा कि खाता खोलो तो हम खोल
रहे हैं
कस्टमर : अरे
नहीं पता तो यहां क्यों बैठे हो, (जन
धन के पोस्टर को देखते हुए)
अच्छा ये 5000 का ओवरड्राफ्ट
क्या है?
बैंक मैनेजर : मतलब तुम अपने
खाता से 5000 निकाल सकते हो
कस्टमर : (बीच में बात काटते हुए)
ये हुई ना बात, ये लो आधार कार्ड,
2 फोटो और निकालो 5000
बैंक मैनेजर : अरे यार ये तो 6
महीने बाद मिलेंगे
कस्टमर : मतलब मेरे 5000
का इस्तेमाल 6 महीने तक तुम लोग
करोगे
बैंक मैनेजर : भैया ये रुपये ही 6
महीने बाद आएंगे
कस्टमर : झूठ मत बोलो, पहले
बोला कि कुछ नहीं मिलेगा, फिर
कहा एटीएम मिलेगा, फिर
बोला बीमा मिलेगा, फिर बोलते
हो 5000 रुपये मिलेंगे, फिर कहते
हो कि नहीं मिलेंगे, तुम्हे कुछ
पता भी है?
बैंक मैनेजर बेचारा : अरे मेरे बाप
कानून की कसम, भारत
माँ की कसम, मैं सच कह रहा हूँ,
मोदी जी ने अभी कुछ
नहीं बताया है, तुम चले जाओ,
खुदा की कसम, तुम जाओ,
मेरी सैलरी इतनी नहीं है कि एक
साथ ब्रेन हैमरेज और हार्ट अटैक
दोनों का इलाज करवा सकूँ।