Saturday, February 8, 2014

एक बार मुल्ला नशरुद्दीन पानी के जहाज से......

एक बार मुल्ला नशरुद्दीन पानी के जहाज से यात्रा कर रहे थे
जहाज समुद्री चक्रवात में फस गया. सभी यात्री घवरा गए .
यात्रियों ने कहा कि जिस की जितनी सामर्थ्य है वो अल्लाह के नाम खैरात में देने के लिए कहे तो शायद हम इस मुसीबत से बच जाएँ .
तब किसी ने दो हजार किसी ने चार हजार किसी ने इस से भी ज्यादा रकम दान करने के लिए कहा.
मुल्ला नशरुद्दी ने कहा कि मैं अपना मकान खैरात में दे दूँगा.
अब क्या हुआ जैसे-तैसे जहाज किनारे पर आ गया .
सभी यात्रियों ने अपने कहे अनुसार खैरात बाँट दी.
किन्तु मुल्ला ननशरुद्दीन मुकर गया.
जब सब लोगों ने दबाव डाला तो उस ने कहा ठीक है .
उस ने घर के बाहर एक इश्तहार लिखवाया कि मेरा घर बिकाऊ है.
पर एक शर्त है कि- जो मेरा घर खरीदेगा उसे मेरी बिल्ली भी खरीदनी होगी . बिल्ली की कीमत एक करोड़ और घर की कीमत एक रुपया. खरीदने बाले ने सोचा क्या फर्क पड़ता और घर और बिल्ली दोनों खरीद लिए . मुल्ला नशरुद्दीन ने एक रुपया खैरात में दे दिया और एक करोड़ अपने पास रख लिए.

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